संकल्प भवन
अम्बरीष पाठक
केरल के एर्नाकुलम जिले के पुरथेनक्रुज कस्बे में रहने वाली शिखा सुरेंद्रन की छोटी-छोटी आंखो में बड़े- बड़े सपने थे। पिता बिस्तर पर थे व मां मजबूर। रिश्तेदारों की मदद से किसी तरह इंजीनियरिंग पूरी कर
चुकी यह प्रतिभाशाली लडकी आईएएस बनकर देश की सेवा
चिरयुवा- किशाभाऊ पटवर्धन
विजयलक्ष्मी सिंह
सरकारी नौकरी करने वाले किसी भी शिक्षक के लिए रिटायरमेंट का दिन उसके लिए ढेर सारा आराम व मनमुताबिक फुरसत लेकर आता है। किंतु कुछ लोग चिर युवा होते हैं , वे जीवन की अंतिम सांस तक काम करते रहते हैं।स्वर्गीय किशाभाऊ पटवर्धन भी ऐसे ही एक बिरले इंसान थे ।प
अंबरीष पाठक
मध्य जुलाई 2018 – मानसून अभी शुरू ही हुआ था , देश के बाकी हिस्से में वर्षा जहाॅ राहत की फुहार बनकर बरस रही थी वहीं केरल में सबकुछ ठीक नहीं था। केरल- जिसे गॉडस ओन कंट्री (देवों का अपना देश) भी कहा जाता है- में जारी भारी वर्षा पिछले सारे रिकार्ड तोड़े दे रही थी। मौसमविज्ञानियों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगीं थीं। अंततः 8 अगस्त 2018 की शाम आते-आते केरल मे स्थित सभी 54 बांधों का वाटर लेवल खतरे की जद में था। और………. केवल 24 घंटे के भीतर इनमें से 34 बांधो के गेट खोलने पड़े। 26 वर्षों में पहली बार इडदुकु बांध के पांचों द्वारों को एकसाथ खोला गया। अब लगभग पूरा केरल अभूतपूर्व जल प्रलय की जद में था।